मदनलाल ढींगरा अंग्रेज अधिकारी को गोली मारने वाले क्रांतिकारी है । मदनलाल ढींगरा जब इंग्लैंड में पढाई कर रहे थे तब उन्होंने एक अंग्रेज अधिकारी को गोलीयों से उसे मार दिया था ।
मदनलाल ढींगरा का जन्म कब हुआ
मदनलाल ढींगरा का जन्म वर्ष 1883 में हुआ था उनका जन्म अमृतसर में हुआ था । उनके पिता दितामल एक जाने माने सिविल सर्जन थे और वे पूरी तरह अंग्रेजी रूप में ढले हुए थे और उनकी अंग्रेजो में काफी अच्छी जान पहचान भी थी । मदनलाल जी की माता जी भारतीय संस्कृति और संस्कारो की धनी महिला थी ।
मदनलाल ढींगरा लन्दन क्यों और कब गए
मदनलाल ढींगरा 1906 में उच्च शिक्षा पाने के लिए इंग्लैंड चले गए और उन्होंने वहां पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग मतलब की यांत्रिकी अभियांत्रिकी में प्रवेश लिया उन्होंने अपनी यह पढाई यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लन्दन में की ।
कब और किस अंग्रेज अधिकारी को गोली मारी
अंग्रेज अधिकारी को गोली मारने का एक कारण यह भी था कि मदनलाल ढींगरा भारतीय क्रांतिकारियों को फांसी की सजा देने से नाराज़ थे ।
1 जुलाई सुन 1909 में इंडियन नेशनल एसोसिएशन के वार्षिकोतस्व में खूब सारे अंग्रेज और भारतीय शामिल हुए थे । उस दौरान मदनलाल ढींगरा ने विलियम हट कर्जन वायली नाम के एक अंग्रेज अधिकारी को गोलियों से मार दिया । उसके बाद मदनलाल ढींगरा ने अपने आप को गोली मारनी चाही परन्तु वे सफल नहीं हो सके और पकड़े गए ।
मदनलाल ढींगरा को कब मिली फांसी की सजा
23 जुलाई 1909 को फांसी की सजा सुनाई गयी और 17 अगस्त 1909 को वे भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और सदा के लिए अमर हो गए ।
मदनलाल ढींगरा का जन्म कब हुआ
मदनलाल ढींगरा का जन्म वर्ष 1883 में हुआ था उनका जन्म अमृतसर में हुआ था । उनके पिता दितामल एक जाने माने सिविल सर्जन थे और वे पूरी तरह अंग्रेजी रूप में ढले हुए थे और उनकी अंग्रेजो में काफी अच्छी जान पहचान भी थी । मदनलाल जी की माता जी भारतीय संस्कृति और संस्कारो की धनी महिला थी ।
मदनलाल ढींगरा लन्दन क्यों और कब गए
मदनलाल ढींगरा 1906 में उच्च शिक्षा पाने के लिए इंग्लैंड चले गए और उन्होंने वहां पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग मतलब की यांत्रिकी अभियांत्रिकी में प्रवेश लिया उन्होंने अपनी यह पढाई यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लन्दन में की ।
कब और किस अंग्रेज अधिकारी को गोली मारी
अंग्रेज अधिकारी को गोली मारने का एक कारण यह भी था कि मदनलाल ढींगरा भारतीय क्रांतिकारियों को फांसी की सजा देने से नाराज़ थे ।
1 जुलाई सुन 1909 में इंडियन नेशनल एसोसिएशन के वार्षिकोतस्व में खूब सारे अंग्रेज और भारतीय शामिल हुए थे । उस दौरान मदनलाल ढींगरा ने विलियम हट कर्जन वायली नाम के एक अंग्रेज अधिकारी को गोलियों से मार दिया । उसके बाद मदनलाल ढींगरा ने अपने आप को गोली मारनी चाही परन्तु वे सफल नहीं हो सके और पकड़े गए ।
मदनलाल ढींगरा को कब मिली फांसी की सजा
23 जुलाई 1909 को फांसी की सजा सुनाई गयी और 17 अगस्त 1909 को वे भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और सदा के लिए अमर हो गए ।
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